देश की संस्कृति और सभ्यता की सुरक्षा में मीडिया शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान : स्वामी धर्म बन्धु
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एमसीयू में होंगे साल भर आयोजन : प्रो. केजी सुरेश
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का आयोजन
भोपाल, 12 मार्च, 2021: देश की संस्कृति और सभ्यता को सुरक्षित बनाये रखने में मीडिया शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं इसलिए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें वैदिक साहित्य और अपने पूर्वजों की शिक्षा को पुनः अपनाना होगा। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय में ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत आयोजित विशेष व्याख्यान में श्री वैदिक मिशन ट्रस्ट, राजकोट के संस्थापक एवं संचालक स्वामी धर्मबंधु ने कहा कि भारत की संस्कृति को नुकसान पहुँचाने के लिए अब तक 17 आक्रमण हुए हैं और 18 बार देश को विभाजित होकर या अन्य तरीकों से अपनी जमीन खोनी पड़ी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
स्वामी धर्मबंधु ने कहा कि आक्रमणों से हमारी सीमाएं जरूर प्रभावित हुईं लेकिन हमारी संस्कृति आज भी सरंक्षित है। हमारी संस्कृति अमिट हैं। अब हमें तीन प्रश्नों पर प्रमुख तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। एक तो देश को आजादी की आवश्यकता क्यों है? दूसरा विश्व में भारत का महत्व क्या है? और हम फिर से गुलाम होने से कैसे बच सकते हैं? उन्होंने कहा कि देश की आजादी को बनाये रखने की जिम्मेदारी हम सभी की उतनी ही है, जितनी सीमा पर रक्षा करने वाले सैनिकों की है। मीडिया शिक्षक होने के नाते आप लोगो को भी कुछ सिद्धांतों को तय करके काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश पहले से योजना बनाकर हमें नुक्सान पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। हमें उनका सामना शोध आदि के माध्यम से करना होगा। आजादी को बरक़रार रखने के लिए स्वामी जी ने 13 सूत्र दिए, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, शोध, अर्थ इत्यादि प्रमुख विषय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देश के लिए तभी हम कुछ कर सकते हैं जब समय की प्रतिबद्धता, अपने कार्यों में रूचि लेना, अपने आसपास अच्छे मित्रों और सोच वालों को महत्व देना और अपनी आंतरिक शक्तियों को सशक्त बनाने सहित ईमानदारी से रहने जैसे काम करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने दांडी यात्रा के माध्यम से अंग्रेजों के साम्राज्य को चुनौती देने के साथ ही भारत को आत्मनिर्भरता की और ले जाने का जो सन्देश दिया था आज उसी आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को पूरा करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने हमें फिर से विश्व गुरु बनाने की ओर अग्रसर किया है। उन्होंने कहा कि हमें चिंतन और आत्मवलोकन की आवश्यकता है। हम अपनी पुरानी गलतियां नहीं दोहराएं इसे लेकर हमें सतर्क रहना होगा। प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा शुरू किये गए आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय का ये पहला आयोजन है और अगले पूरे साल के दौरान एमसीयू के सभी कैंपस में इस विषय पर कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। कार्यक्रम का संचालन श्री अंकित पांडेय द्वारा किया गया। जबकि आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत में स्वामी जी द्वारा किये जा रहे व्यक्तित्व और सामाजिक सुधार के कार्यक्रमों पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।