सामाजिक सरोकार पहली प्राथमिकता – कुलपति प्रो. सुरेश
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में यूनिसेफ के सहयोग से ‘जनस्वास्थ्य और तथ्यपरक पत्रकारिता‘ विषय पर ‘फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम‘ का आयोजन
भोपाल, 06 जनवरी, 2021: विश्वविद्यालय का काम विद्यार्थियों को शिक्षित करना मात्र नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े रहना चाहिए। इसलिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में तथ्य पत्रकारिता को बढ़ावा देना एवं उसके प्रति जागरूकता लाना हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने ‘जनस्वास्थ्य और तथ्यपरक पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में ये बात कही। यूनिसेफ के साथ मिलकर आयोजित हुए इस कार्यक्रम में अमर उजाला के कार्यकारी संपादक श्री संजय अभिज्ञान, वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रमोद जोशी, यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ श्री अनिल गुलाटी की एवं यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ सुश्री सोनिया सरकार ने भी भाग लिया।
कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया ही नहीं बल्कि मुख्यधारा की मीडिया में भी फेक कन्टेंट आ जाता है। जन स्वास्थ्य पत्रकारिता का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि इससे पाठक एवं दर्शक भ्रमित हो रहे हैं। प्रो. सुरेश ने कहा कि चूंकि स्वास्थ्य पत्रकारिता से सीधे-सीधे आम व्यक्ति प्रभावित होता है, इसलिए इसकी रिपोर्टिंग करते हुए बहुत सावधानी रखनी चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य पत्रकारिता पर विश्वविद्यालय के रीवा, खंडवा एवं नोएडा कैंपस के साथ ही प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाने की बात कही।
यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ श्री अनिल गुलाटी ने कहा कि स्वास्थ्य पत्रकारिता के लिए साक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। आमजन तक सूचना पहुंचने के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि यह निश्चित ही बहुत आवश्यक है, क्योंकि मिस-कम्युनिकेशन से बहुत बुरा असर लोगों पर पड़ता है। श्री गुलाटी ने कहा कि मीडिया का कर्तव्य है कि वह लोगों तक सही जानकारी पहुंचाए।
अमर उजाला के कार्यकारी संपादक श्री संजय अभिज्ञान ने स्वास्थ्य पत्रकारिता पर कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में वैक्सीन से बड़ी कोई उम्मीद नहीं है। इसलिए वैक्सीन पर आ रही नकारात्मक खबरें एवं अन्य फेक कन्टेंट पर स्वास्थ्य पत्रकारिता करते समय अधिक सावधानी रखनी होगी। श्री अभिज्ञान ने कहा कि सही सूचना देने का मतलब है कि आप लोगों की जान बचा रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रमोद जोशी ने मीडिया कवरेज के बारे में कहा कि आजकल वैक्सीन का बनना खबर नहीं है, बल्कि वैक्सीन के पीछे की राजनीति बड़ी खबर है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरों से आमजन के मन-मतिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। श्री जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य पत्रकारिता का दायित्व है कि वह सामाजिक स्वास्थ्य की बात करे। पहले खबर को जांचा जाए, परखा जाए, फिर छापा जाए। उन्होंने कहा कि विज्ञान की कठिन भाषा को भी पत्रकारिता में सरल भाषा में लिखना चाहिए ताकि आम पाठक भी उसे समझ सके। यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ सुश्री सोनिया सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य पत्रकारिता के लिए यह जरूरी है कि शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को मेंटर्स द्वारा जागरूक किया जाना भी आवश्यक है। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंत में कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने आभार प्रदर्शन व्यक्त किया। संकाय सदस्यों के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पत्रकारिता,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, संचार शोध और कम्प्यूटर विभाग के शिक्षक, प्रोड्यूसर एवं ट्यूटर्स ने भाग लिया।