अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव में अवार्ड के लिए नामांकित मध्यप्रदेश के फिल्म निर्माताओं की 6 फिल्में
लोकेन्द्र सिंह एवं मनोज पटेल की फिल्म ‘गो-वर’, राहुल खडिय़ा की फिल्म ‘रिड्यूसिंग कार्बन फुट प्रिंट’ और राहुल कुमार एवं करुणेश सिंह की फिल्म ‘कैचिंग द सन’ हुईं अवार्ड के लिए नामांकित, 22 से 25 दिसंबर के बीच अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव में ऑनलाइन होगी स्क्रीनिंग
भोपाल, 18 दिसम्बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के प्रोड्यूसर मनोज पटेल, सहायक प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह एवं राहुल खडिय़ा और विद्यार्थी करुणेश सिंह की फिल्मों गो-वर, रिड्यूसिंग कार्बन फुट प्रिंट, कोविड-16 एवं डिप्रेशन, रोशनी उम्मीद की, ई-लर्निंग और कैचिंग द सन को अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव में अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है। कोविड-19 संक्रमण के कारण 22 से 25 दिसंबर तक फिल्मोत्सव का आयोजन ऑनलाइन होगा। फिल्म फेस्टीवल का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से किया जाता है।
साइंस फिल्म फेस्टीवल में अवार्ड एवं स्क्रीनिंग के लिए नामांकित फिल्म ‘गो-वर’ धारणीय विकास पर केंद्रित है। फिल्म में भोपाल के शारदा विहार स्थित कामधेनु गोशाला एवं गोविज्ञान अनुसंधान के बायो-सीएनजी प्लांट को मॉडल मानकर अक्षय ऊर्जा के महत्व को रेखांकित किया गया है। गाय हमें सिर्फ दूध-घी और पंचगव्य औषधि ही नहीं देती है, बल्कि यह अक्षय ऊर्जा का भी स्रोत है। फिल्म के डायरेक्टर मनोज पटेल, प्रोड्यूसर लोकेन्द्र सिंह और को-प्रोड्यूसर गजेन्द्र सिंह अवास्या हैं। प्रख्यात सिनेमेटोग्राफर विवेक कुमार ने कैमरा और पत्रकार सतेन्द्र दीपू ने फिल्म को आवाज दी है। प्रोड्यूसर मनोज पटेल की फिल्म ई-लर्निंग कोविड-19 के कारण शिक्षा में आए बदलाव पर केंद्रित है।
सहायक प्राध्यापक राहुल खडिय़ा की फिल्म ‘रिड्यूसिंग कार्बन फुट प्रिंट’ बताती है कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। फिल्म की प्रोड्यूसर परिधि परमार हैं। फिल्म में विद्यार्थी जिया सिंह ने अपनी भूमिका निभाई है। साउंड आर्टिस्ट नितिन जामरा ने फिल्म को आवाज दी है। श्री खडिय़ा की दूसरी फिल्म ‘कोविड-19 एवं डिप्रेशन’ लॉकडॉउन के समय बनाई गई है। इस फिल्म में विद्यार्थी अनुराग जैन ने कोविड संक्रमित के मानसिक द्वंद्व को अपने अभिनय से दर्शाया है। फिल्म की पटकथा विद्यार्थी प्रियंका खरे ने लिखी है। विश्वविद्यालय के प्रोडक्शन सहायक परेश उपाध्याय द्वारा लिखित फिल्म ‘रोशनी उम्मीद की’ सोलर एनर्जी पर केंद्रित है। विद्यार्थी श्रेणी में नामांकित फिल्म ‘कैचिंग द सन’ का निर्देशन फिल्म प्रोडक्शन पाठ्यक्रम के विद्यार्थी राहुल कुमार ने किया है। यह फिल्म कृषि और सोलर एनर्जी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों पर केंद्रित है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी करुणेश सिंह ने की है। फिल्मों के चयन पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने प्रसन्नता व्यक्त की है और सभी फिल्म निर्माताओं को शुभकामनायें दी हैं।