लिखने में जल्दबाजी न करें, शोध और पड़ताल करें : प्रो. केजी सुरेश
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से कुलपति ने किया संवाद, ‘मीडिया : कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान
भोपाल, 01 नवम्बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को प्रतिदिन लिखने और पढऩे की प्रवृत्ति विकसित करना चाहिए। लेकिन, वे जो भी लिखें, जिम्मेदारी से लिखें। लिखने में जल्दबाजी नहीं, बल्कि पहले शोध और तथ्यों की पड़ताल कर लें। उसके बाद ही लिखें। कुलपति प्रो. सुरेश पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अनौपचारिक तौर पर संबोधित कर रहे थे। हालाँकि, इससे पहले उन्होंने सत्रारंभ कार्यक्रम में नवागत विद्यार्थियों से संवाद किया था और उसके बाद रीवा और खंडवा परिसर के विद्यार्थियों से भी संयुक्त रूप से संवाद कर चुके हैं।
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता का काम है, समाज को शिक्षित और जागरूक करना। गांधीजी की पत्रकारिता का उद्देश्य भी समाज में बदलाव लाना था। उन्होंने कहा कि आज मीडिया में एक ध्रुवीकरण दिखाई देता है, जो न केवल मीडिया के लिए अपितु समाज के लिए भी अच्छा नहीं है। इसलिए हमें पत्रकार बनना है, पक्षकार नहीं। फैक्टविस्ट बनना है, एक्टिविस्ट नहीं। पत्रकार की भूमिका न्यूट्रल एम्पायर की होती है। पत्रकार न तो सत्ता पक्ष का होता है और न विपक्ष का। उन्होंने कहा कि मीडिया के व्यवसायीकरण ने संपादक की सत्ता के महत्व को कम कर दिया है। आज समाचार संस्थानों में संपादक हाशिये डाल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि न्यूज कभी फेक नहीं होती, जो फेक होती है, वह न्यूज नहीं होती। फेक कंटेंट के इस दौर में मीडिया के सामने विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो रहा है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों की यह जिम्मेदारी है कि वे फेक कंटेंट के प्रसार को रोकें और समाज को भी फेक कंटेंट के प्रति जागरूक करें।
ऑनलाइन व्याख्यान में कुलपति ने कहा कि जब परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी तब भोपाल परिसर के सभी शिक्षक रीवा और खंडवा परिसर में भी जाकर कक्षाएं लेंगे, ताकि वहाँ के विद्यार्थियों को उनकी विशेषज्ञता का लाभ मिल सके। भोपाल में नवनिर्मित परिसर में जल्द ही कक्षाएं शुरू होंगी। रवीन्द्रनाथ टैगोर के सुप्रसिद्ध विद्यालय शांतिनिकेतन की तर्ज पर भोपाल के परिसर में प्रकृति के सान्निध्य में कक्षाएं लगेंगी। यहाँ राष्ट्रीय मीडिया संग्रहालय की स्थापना करने की भी योजना है। विद्यार्थियों के लिए सामुदायिक रेडिया की स्थापना होगी और न्यूज लेटर भी प्रारंभ किया जाएगा।
विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सूत्र :
– पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल है। विद्यार्थियों को अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए।
– भाषाई पत्रकारिता मांग बढ़ती जा रही है।
– मीडिया में आज मल्टीटास्कर की आवश्यकता है।
– हमें लेखन के साथ तकनीक और सॉफ्टवेयर भी सीखना है।