हमें 85 प्रतिशत लोगों तक अच्छी शिक्षा पहुंचाना है – सदगोपाल
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान
शिक्षाविद् प्रो. अनिल सदगोपाल का व्याख्यान
भोपाल, गुरुवार, 05 सितम्बर, 2019: हमें देश को वहां लेकर जाना है, जहां भारत की अच्छी शिक्षा व्यवस्था हो। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर आयोजित विशेष व्याख्यान में ये बात प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. अनिल सदगोपाल ने कही । संविधान और शिक्षा विषय पर बोलते हुए उन्होंने भारत की शिक्षा व्यवस्था में बाजारीकरण के हावी होने पर चिंता जताई । पत्रकारिता के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें देश 85 प्रतिशत लोगों तक अच्छी शिक्षा पहुंचाना है। संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की देश की शिक्षा पर सोच की तारीफ करते हुए प्रो. सदगोपाल ने कहा कि 25 नवंबर 1949 को संविधान का मसौदा पेश करते हुए बाबा साहेब ने ऐतिहासिक भाषण दिया था। सदगोपाल ने संविधान की प्रस्तावना के तीन शब्दों बंधुता, आजादी एवं बराबरी का अर्थ भी समझाया। उन्होंने कहा ये तीनों मिलकर एक त्रिमूर्ति बनती है। प्रो. सदगोपाल ने शिक्षानीति, शिक्षा आयोग, शिक्षा परिषदों, एवं शिक्षा के क्षेत्रों में विदेशी पूंजी निवेश पर भी अपने बहुमूल्य विचार रखे । शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्होंने ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले को उन्होंने विशेषतौर पर याद किया । उन्होंने सावित्री बाई फुले को देश की पहली शिक्षाविद् बताया। भारत के संविधान की प्रशंषा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा संविधान दूसरे देशों के संविधान से ज्यादा मजबूत है, इसलिए दुनिया हमसे खौफ खाती है।
इस अवसर पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने प्रो. अनिल सदगोपाल के विशेष व्याख्यान को सदियों तक याद रखा जाने वाला व्याख्यान बताया। शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए श्री तिवारी ने सब तरह के विमर्श के होते रहने की बात कही । उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में लागू हुए युक्तियुक्तकरण एवं शिक्षा गारंटी पर भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह, विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर डॉ. सी.पी. अग्रवाल, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया।