संविधान है तो पत्रकारिता है – चौबे
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान
म.प्र. स्टेट ज्यूडिशियल अकादमी के निदेशक रामकुमार चौबे का व्याख्यान
भोपाल, दिनांक 24 अगस्त, 2019: पत्रकारिता के विद्यार्थियों में पत्रकार पहले से रहता है, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय सिर्फ इसे उकेरने का काम करते हैं। मध्यप्रदेश स्टेट ज्यूडिशियल अकादमी जबलपुर के निदेशक श्री रामकुमार चौबे ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के विद्यार्थियों के बीच ये विचार व्यक्त किये। संविधान एवं पत्रकारिता विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में श्री चौबे ने कहा कि प्रेस प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ है, लेकिन संविधान का नहीं। उन्होंने कहा कि संविधान है इसलिए स्वतंत्र पत्रकारिता है। संविधान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारा संविधान, उद्देशिका से प्राणवायु लेता है और यह पूरे संविधान की आत्मा है।
वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर श्री चौबे ने अनुच्छेद 19 (1) ए पर बोलते हुए कहा कि सिर्फ बोलना एवं लिखना ही स्वतंत्रता नहीं है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को इसे विस्तार एवं गहराई से समझने की कोशिश करनी चाहिए। गांधी जी के तीन बंदरों का उदाहरण, बुरा मत सुनो, बुरा मत देखो, बुरा मत कहो का उदाहरण देते हुए उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में श्री चौबे ने मीडिया ट्रायल, फेक न्यूज, इच्छामत्यु जैसे विद्यार्थियों के कुछ प्रश्नों के उत्तर भी दिए। कार्यक्रम में कुलपति श्री दीपक तिवारी, कुलाधिसचिव प्रो. श्रीकांत सिंह, डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित रहे।