पत्रकारों को बाल अधिकारों के लिए कार्य करना चाहिए – माइकल स्टीवन जुमा
भोपाल 12 अप्रैल, 2019: यूनिसेफ के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख श्री माइकल स्टीवन जुमा ने कहा कि पत्रकारों को बाल अधिकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और बाल अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग करनी चाहिए।
वे यूनिसेफ तथा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के तत्त्वावधान में आयोजित एक संगोष्ठी में बोल रहे थे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने श्री जुमा का स्वागत किया और उनका परिचय दिया।
श्री जुमा ने कार्यक्रम में शामिल विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बाल अधिकारों की बात की एवं भावी पत्रकारों को बाल अधिकार पर रिपोर्टिंग करने के लिए प्रेरित किया और लड़कियों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों की रिपोर्टिंग में गोपनीयता बरतने की सलाह दी। साथ ही साथ मीडिया कानून और आचार को पालन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हर एक बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ का अधिकार है। माइकल स्टीवन जुमा ने बाल अधिकारों के सिद्धांतों को लेकर कहा कि पहला सिद्धांत यह है कि हर एक बच्चे को समानता का अधिकार है, चाहे वह किसी भी रंग, जाति या धर्म से सम्बद्ध हो। दूसरे सिद्धांत की बात करते हुए उन्होंने संवेदनशील मामलों में गोपनीयता बरक़रार रखने की बात की। तीसरे सिद्धांत के बारे में उन्होंने कहा कि हर बच्चे को जीवित रहने का तथा खुशहाल जीवन जीने का अधिकार है।
उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वो अपने आसपास के बच्चों से बात करे और अगर उन्हें कोई तकलीफ है तो उसको निवारण करें। उन्होंने भारत की न्यायपालिका और कानून को काफी सार्थक बताया जो बाल अधिकारों की सुरक्षा करता है।
श्री जुमा के अनुसार आज के समय में यौन शोषण, बाल श्रम, कुपोषण बाल अधिकारों के संदर्भ में सबसे बड़ी चुनौती हैI भावी पत्रकारों को इंगित करते हुए उन्होंने इन समस्याओं पर काम करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने बताया कि “18 से कम उम्र के बच्चो का बाल यौन शोषण, तस्करी, बाल श्रम और हानिकारक, पारंपरिक कुप्रथाओं, जैसे- बाल विवाह, हिंसा, शोषण और बच्चों के खिलाफ शोषण को रोकने और प्रतिक्रिया देने के लिए यूनिसेफ ‘बाल संरक्षण’ शब्द का उपयोग करता है।” बाल अधिकारों के सम्बन्ध में उन्होंने गोपनीयता एवं संवेदनशीलता को रिपोर्टिंग का मूल आधार बताया।