एमसीयू में आगामी सत्र से सिंधी एवं मराठी भाषा पाठ्यक्रम शुरु होगा : कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश
दो दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव का हुआ समापन
भोपाल, 07 दिसम्बर, 2023: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के एमपी नगर स्थित विकास भवन में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद एवं विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन किया गया। दो दिवसीय उत्सव कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो.(डॉ) के.जी.सुरेश ने की, जबकि मुख्य अतिथि श्री लाजपत आहूजा (पूर्व संचालक, मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग एवं वरिष्ठ साहित्यकार) थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री अशोक मनवानी (संयुक्त संचालक मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग) एवं अशोक जमनानी (उपन्यासकार, कवि) थे। महाकवि श्री सुब्रमण्यम भारती जी की जयंती के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा विभाग द्वारा आयोजित किया गया। दो दिवसीय उत्सव में क्विज, निबंध, भाषण एवं काव्य गोष्ठी का प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा कि भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा विभाग का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने सिंधी के साथ ही मराठी भाषा को भी बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि आगामी सत्र से सिंधी एवं मराठी भाषा में पत्रकारिता का पाठ्यक्रम शुरु किया जायेगा।उन्होंने सिंधी भाषा पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हिंदी मेरी मां है और सिंधी मेरी मौसी है।
जनसंपर्क विभाग के पूर्व संचालक एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री लाजपत आहूजा ने कहा कि महाकवि सुब्रमण्यम भारती दक्षिण से चलकर बनारस आए थे। उन्होंने कहा कि वे अखिल भारतीय व्यक्ति थे। सिंधी भाषा पर खतरा होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि सिंधी भाषियों को अपने घरों और अन्य जगहों पर भी सिंधी भाषा में ही बात करना चाहिए। उन्होंने सिंधी भाषा एवं सिंधी लिपि को बढ़ावा देने की बात की।
संयुक्त संचालक जनसंपर्क, लेखक और सदस्य सलाहकार बोर्ड साहित्य अकादमी भारत सरकार (सिंधी भाषा) अशोक मनवाणी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर तीन भाषा विकास परिषद गठित की गई हैं। सिंधी, संस्कृत एवं उर्दू भाषाओं के पृथक प्रांत नहीं हैं और प्रांत के अभाव में इन भाषाओं का विकास अवरुद्ध ना हो इस दृष्टि से परिषदों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि छह प्रदेश में सिंधी साहित्य अकादमी भी कार्य कर रही हैं जिनमें मध्यप्रदेश भी शामिल है। उन्होंने विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा विभाग गठित होने पर खुशी जाहिर की। उपन्यासकार एवं कवि श्री अशोक जमनानी ने कहा पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कविता होना अच्छी बात है। उन्होंने मां नर्मदा पर बहुत प्रभावी कविता पाठ किया।
कार्यक्रम का संयोजन भारतीय भाषा विभाग एवं पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी एवं समन्वय ट्यूटर डॉ. जया सुरजानी ने किया। हिंदी एवं सिंधी भाषा में काव्य पाठ का आयोजन किया गया था, जिसमें कार्यक्रम में अखंड सिंधु संसार के संपादक श्री ज्ञानचंद लालवानी, साहित्यकार सुश्री भारती आसुदानी, लेखिका सुश्री यास्मीन खान निर्णायक के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक व सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. उर्वशी परमार, अतिथि अध्यापक सुश्री शिवाली श्रीवास्तव एवं सुश्री अंकिता त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी डीन अकादमिक डॉ. पी. शशिकला, प्रो. संजय द्विवेदी, पुस्तकालय एवं जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव गुप्ता, निदेशक प्रोडक्शन डॉ.आशीष जोशी, सांध्यकालीन पाठ्यक्रम के प्रभारी श्री प्रदीप डेहरिया, नगर परिसर के डायरेक्टर श्री विवेक सावरीकर, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, अधिकारी,कर्मचारी,विद्यार्थी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
ये रहे प्रतियोगिता के विजेता:
क्विज प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पर अभिषेक पांडे, नमन अटोलिया और सृष्टि कुमारी रहे, जबकि निबंध प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय, तृतीय प्रतिष्ठा पवार, रोहित रोशन, और प्राची ठाकुर रहे। इसी तरह भाषण प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पर रोहित रोशन, अदीब खान व उद्यांश पांडे रहे। जबकि काव्य पाठ में प्रथम, द्वितीय,तृतीय स्थान पर रिया बत्रा, राघवेंद्र एवं हिमांशी ठकुरानी रहे।