एमसीयू में जनसंपर्क अधिकारियों का दक्षता उन्नयन कार्यक्रम
आम नागरिक संचारक हो सकते हैं पत्रकार नहीं : प्रो के.जी सुरेश
राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया साक्षरता अभियान की आवश्यकता
भोपाल, 04 मई, 2023: आम नागरिक संचारक हो सकते हैं पत्रकार नहीं। सोशल मीडिया के कारण हर व्यक्ति के पास कंटेंट तो है परंतु उसमें से क्या और कैसे साझा करना है यह विवेक हो कोई जरूरी नहीं। एक पत्रकार को आइपीसी, सीआरपीसी, मानहानि, अश्लीलता संबंधित कानून और सर्वोपरि संविधान का ज्ञान होना आवश्यक है। यह कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) केजी सुरेश का। वे विश्वविद्यालय में आयोजित जनसंपर्क अधिकारियों के दो दिवसीय दक्षता उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम में सोशल मीडिया के समय में जनसंपर्क विषय पर बोल रहे थे। विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्रम के निदेशक लाल बहादुर ओझा ने बताया कि इसमें प्रदेश के कई जिलों से जनसंपर्क अधिकारी, सूचना अधिकारियों ने सहभागिता की।
प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि सोशल मीडिया ने परंपरागत सूचना स्रोतों और सूचना के प्रसारण के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया है। ऐसे में जनसंपर्क अधिकारियों की चुनौती बढ़ गयी है। सोशल मीडिया के जरिये संचार की सहजता हुई है परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि संचार करनेवाला हरेक पत्रकार हो गया। पत्रकारिता अभी भी जिम्मेवारी का काम है। इसके लिए तथ्यों की पुष्टि, वस्तुनिष्ठता जैसे बुनियादी पत्रकारीय धर्म का ज्ञान होना आवश्यक है। यह मीडिया साक्षरता के जिरये संभव होगा। उन्होंने कहा मीडिया को सिर्फ पढ़ना, सुनना और देखना काफी नहीं है उसको समझना जरूरी है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया साक्षरता का अभियान चलाये जाने की जरूरत है।
इसके पूर्व कुल दस सत्रों में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रिंट और आडियो-वीडियो सूचनाओं को कैसे व्यस्थित करना है इस विषय पर डॉ आरती सारंग और डॉ गजेन्द्र अवास्या ने प्रतिभागियों से संवाद किया। प्रेस एक्ट एवं डिजीटल मीडिया संबंधी कानूनों की बारीकियों पर डॉ संजीव गुप्ता ने प्रकाश डाला। शासकीय जनसंपर्क में डेटा एनालिटिक्स, डेटा प्रबंधन की भूमिका को प्रोफेसर पवित्र श्रीवास्तव ने समझाया। वरिष्ठ पत्रकार विवेक त्रिवेदी ने सोशल मीडिया और ब्लॉग के महत्व पर चर्चा की। इसके पूर्व सूचना के अधिकार, डिजीटल मीडिया के रचनात्मक उपयोग, जिला और संभागीय स्तर पर प्रचार रणनीति की निर्माण प्रक्रिया, मीडिया प्रबंधन एवं शासकीय जनसंपर्क आदि विषयों पर चर्चा हुई। इन सत्रों को राज्य के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी, पूर्व जनसंपर्क संचालक लाजपत आहूजा, वरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय और प्रोफेसर पी शशिकला ने संबोधित किया। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण का संयोजन विश्वविद्यालय के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक एवं प्रशिक्षण विभाग के निदेशक लाल बहादुर ओझा ने किया। कुलसचिव प्रोफेसर अविनाश वाजपेयी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।