एमसीयू में चित्र प्रदर्शनी, व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

योग जन आंदोलन का रुप ले चुका है: कुलगुरु प्रो. सुरेश

केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, आर्ट ऑफ लिविंग एवं एमसीयू के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय योग का आयोजन

भोपाल, 20 जून 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत चित्र प्रदर्शनी, व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुई। विश्वविद्यालय के माखनपुरम स्थित नवीन परिसर में विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी.सुरेश ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, वहीं पीआईबी सीबीसी भोपाल के अपर महानिदेशक श्री प्रशांत पाठराबे मुख्य अतिथि थे। केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग एवं एमसीयू के संयुक्त तत्वावधान में यह दो दिवसीय आयोजन किया जा रहा है।

चाणक्य भवन में सुबह सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रथम दिन योग के महत्व को दर्शाती हुई प्रदर्शनियों का उद्घाटन कुलगुरु प्रो. के.जी.सुरेश एवं एडीजी श्री प्रशांत पाठराबे द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. सुरेश ने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं रहवासियों से भी प्रदर्शनी का अवलोकन करने की बात कही। प्रदर्शनी में ताड़ासन, वृक्षासन, वज्रासन, मकरासन जैसे योग के विविध आसनों और प्राणायाम की विधियों को चित्रों के माध्यम से सरल और सहज तरीके से समझाया गया है। यह प्रदर्शनी दो दिन तक चलेगी। न्यू मीडिया टेक्नोलॉजी विभाग के स्वामी विवेकानंद सभागार में स्वयं एवं समाज के लिए योग विषय पर व्याख्यान में विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुरेश ने कहा कि योग जन आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि योग का लोकतांत्रिकरण हुआ है। आम जन अब मोहल्ले पड़ोस से लेकर पार्क एवं मैदान सहित अन्य जगहों पर भी योग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इतना भव्य आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का स्वयं की योगशाला है, जिसका नाम संदीपनी ध्यान केंद्र है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत योगाभ्यास से की जाती है। प्रो सुरेश ने कहा कि धर्म, जाति, संप्रदाय आदि से ऊपर उठकर 170 देशों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, आर्ट ऑफ लिविंग की प्रशंसा करते हुए प्रो. सुरेश ने कहा कि उनके द्वारा विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाना निश्चित थी गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि योग के साथ आचार, आहार, व्यवहार जुड़ा हुआ है। प्रो. सुरेश ने कहा कि कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षिकों के लिए विश्वविद्यालय में हेल्थ कैंप का आयोजन भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी भविष्य के पत्रकार हैं, इसलिए उनका फिट रहना आवश्यक है, इसीलिए योग बहुत जरुरी है।

मुख्य अतिथि एडीजी श्री प्रशांत पाठराबे ने कहा कि योग तनाव को कम करने में बहुत मदद करता है। उन्होंने कहा कि योग से मन नियंत्रण में रहता है। उन्होंने फिजिकल, मेंटल हेल्थ के लिए योग को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जीवन में लक्ष्य पाने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वामी विवेकानन्द सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के गीत एवं नाटक प्रभाग द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। गीत एवं नाटक प्रभाग के कलाकारों ने ‘सुनो रे सुनो रे नर नारी आई है अब योग करने की बारी…’ एवं अन्य गीतों की प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया और लोगों को इन गीतों पर झूमने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के दूसरे दिन 21 जून को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी, अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा सुबह 8.30 बजे योगाभ्यास किया जाएगा।कार्यक्रम का संयोजन डॉ. मणि नायर ने किया, जबकि संचालन श्री अजय उपाध्याय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो डॉ अविनाश वाजपेजी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी,कर्मचारी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।