सूचनाओं की महामारी के इस समय में मीडिया साक्षरता जरूरी : प्रो शशिकला
आलोचनात्मक दृष्टिकोण, मीडिया की समझ और तथ्यों की जाँच के लिए आवश्यक टूल से परिचित होना आवश्यक
भोपाल, 22 अप्रैल, 2023: यह सूचनाओं की महामारी का समय है। इसमें सच क्या है और झूठ क्या है इसको पता लगाना कठिन है। मीडिया साक्षरता के जरिये इस महामारी से लड़ा जा सकता है। यह कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अकादेमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर पी. शशिकला का। वे प्रदेश के विभिन्न जिलों में जनसंपर्क और कलेक्टर कार्यालय के सोशल मीडिया हैंडल के संभालने वाले कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं। सोशल मीडिया हैँण्डलर का दस दिवससीय ऑनलाइन प्रशिक्षण विश्वविद्यालय और जनसंपर्क संचालनालय के संयुक्त तत्वावधान चल रहा है। आज उसका पाँचवा दिन था।
फेक कंटेंट की जाँच-परख विषय पर चर्चा करते हुए प्रोफेसर शशिकला ने फेक कंटेंट, मिस इन्फॉर्मेशन और डिस्इन्फॉर्मेशन जैसे पदों को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि कुछ तथ्यों के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण गलत बोलते हैं परंतु जब जानबूझकर तथ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया जाता है तो वह डिस्इन्फॉर्मेशन है। सोशल मीडिया की सर्वव्यापकता और सहज उपलब्ध टूल के कारण सूचनाओं और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर बहुत आसान हो गया है। गलत सूचनाओं के कारण समाज में कई तरह के अनावश्यक तनाव पैदा हो रहे हैं, गलतफहमियाँ पैदा हो रही हैं। सोशल मीडिया पर पर प्रकाशित और प्रसारित हर सूचना सच हो जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सूचनाओं के प्रति आलोचनात्मक दृष्टिकोण, मीडिया की समझ और तथ्यों को जाँचने के लिए आवश्यक टूल से परिचित होना जरूरी है। यह काम मीडिया साक्षरता के जरिये किया जा सकता है।
गूगल न्यूज इनीशिएटिव और डेटा लीड्स की ओर से फेक कंटेंट को पहचानने में विशेष रूप से प्रशिक्षित प्रोफेसर शशिकला ने गलत टेक्स्ट, फोटो और वीडियो की पहचान करने के तरीकों से प्रतिभागियों को परिचित कराया। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेक कंटेंट के विरुद्ध अभियान में लगी संस्थाओं और व्यक्तियों के संपर्क भी साझा किये। सावधानियाँ बताईं।
इस दस दिवसीय प्रशिक्षण के संयोजक और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रशिक्षम विभाग के निदेशक लाल बहादुर ओझा ने कहा कि यह आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) केजी सुरेश की दूरदृष्टि का परिणाम है। यह ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रतिभागियों की कार्य दक्षता बढ़ायेगा।