दूरदर्शन ने कोविड जागरुकता में सबसे अहम भूमिका निभाई – पूजा पी वर्धन
दूरदर्शन कई निजी चैनल्स की जननी – कुलपति प्रो केजी सुरेश
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दूरदर्शन स्थापना दिवस पर कार्यक्रम सम्पन्न
भोपाल, 15 सितम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा दूरदर्शन के स्थापना दिवस पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। दूरदर्शन की समकालीन प्रासंगिकता विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता दूरदर्शन भोपाल की संयुक्त निदेशक समाचार सुश्री पूजी पी.वर्धन थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
दूरदर्शन भोपाल की संयुक्त निदेशक समाचार एवं मुख्य वक्ता सुश्री पूजी पी.वर्धन ने कहा कि दूरदर्शन ने देश में राष्ट्रीय एकता को जाग्रत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि खेल से लेकर मनोरंजन तक दूरदर्शन ने अपनी सकारात्मक छवि बनाई है। सुश्री वर्धन ने दूरदर्शन को सबसे विश्वनीय बताते हुए कहा कि जहां कोई नहीं जाना चाहता वहां दूरदर्शन पहुंचा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद कोविड जागरुकता में सबसे अहम भूमिका दूरदर्शन ने निभाई है।
कुलपति प्रो केजी सुरेश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि दूरदर्शन कई निजी चैनल्स की जननी है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन की तुलना किसी के साथ की ही नहीं जा सकती। प्रो. सुरेश ने कहा कि दूरदर्शन की भूमिका लोक प्रसारक की है और उसका उद्देश्य जनहित के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन की शुरुआत से अभी तक कई परिवर्तन हुए हैं जिसके वे भी स्वयं साक्षी रहे हैं। कुलपति प्रो. सुरेश ने उनके द्वारा शुरु किए गए दूरदर्शन के कई कार्यक्रमों का भी जिक्र किया। गुड न्यूज इंडिया की बात करते हुए उन्होंने कहा कि दूरदर्शन के कई प्रारंभिक कार्यक्रमों को शुरु करने में उनकी भूमिका रही है। प्रो सुरेश ने पल्स पोलियो के सफल कैंपेन का श्रेय दूरदर्शन को दिया और कहा कि देश को पोलियो मुक्त बनाने में दूरदर्शन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसी तरह एचआईवी कैंपेन में भी दूरदर्शन ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। दूरदर्शन को नेतृत्व की भूमिका में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस पर बाजारवाद कभी हावी नहीं हुआ है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत सिंह ने विषय प्रवर्तन किया। आभार प्रदर्शन प्रोफेसर डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर एवं विशेष अधिकारी डॉ. अरुण कुमार खोबरे ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वापजेयी, विभाग के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।