स्त्री के अंदर असीमित क्षमता और शक्ति : कुलपति प्रो केजी सुरेश
अपने घर से होना चाहिए महिला सशक्तिकरण की शुरुआत : मोनिका अरोरा
आत्मरक्षा प्रशिक्षण से महिलाओं में आत्मविश्वास जागता है : ब्रीज त्रिपाठी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘महिला : कल, आज और कल’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
भोपाल, 08 मार्च, 2022: स्त्री के अंदर असीमित क्षमता है और कई क्षेत्रों में वह पुरुषों से भी आगे है। ये कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश का। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति ने ‘महिला : कल, आज और कल’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता श्रीमती मोनिका अरोरा एवं विशेष अतिथि आत्मरक्षा प्रशिक्षक श्रीमती ब्रीज त्रिपाठी थीं।
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने पुरुषों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता भी जताई। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि फेमिनिस्ट होने की नहीं बल्कि फैमिलिस्ट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आजकल बेटियों के शोषण के ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है, इस सम्बन्ध में आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्राओं एवं महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस कोर्स की शुरुआत करने जा रहा है।
कार्यक्रम ऑनलाइन संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता एवं मुख्य अतिथि श्रीमती मोनिका अरोरा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाएं शिक्षित एवं सम्मानित रही हैं। वैदिककाल से लेकर आधुनिक समय के अनेक उदाहरण बताते हुए श्रीमती अरोरा ने कहा कि वित्त विभाग मां लक्ष्मी के पास रहा है, शिक्षा मंत्रालय मां सरस्वती के पास एवं रक्षा मंत्रालय मां काली के पास रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं के लिए बहुत से कठोर कानून बने हुए हैं लेकिन इसके बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो कि चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की शुरुआत अपने घर से होना चाहिए।
विशेष अतिथि आत्मरक्षा प्रशिक्षक एवं शिक्षा परामर्शदाता की सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती ब्रीज त्रिपाठी ने कहा कि लड़कियों का आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए रोका जाता है जबकि ट्रेनिंग के बाद महिलाओं का आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाता है। इसलिए महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिलाए जाने पर उन्होंने बल दिया।
सफाईकर्मियों का सम्मान:
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्वविद्यालय में स्वच्छता कार्य से जुडी महिलाओं का सम्मान भी किया गया। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने सभी सफाईकर्मियों को मंच पर आमंत्रित करके पुष्प भेंट करके उनका स्वागत और सम्मान किया। इसके साथ ही महिला दिवस के सन्दर्भ में आईसीसी द्वारा निबंध, कविता और फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। निबंध और कविता का विषय ‘भारत की स्वतंत्रता में महिलाओं की भूमिका’ और फोटोग्राफी का विषय ‘नारी’ था। प्रतियोगिताएं में विश्वविद्यालय के सभी परिसरों के कर्मचारियों, अधिकारियों एवं शिक्षकों ने सहभागिता की। इस अवसर पर विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने महिला सशक्तिकरण विषय पर लघु नाटिका की प्रस्तुति की। इसके साथ ही पत्रकारिता विभाग द्वारा प्रायोगिक समाचारपत्र ‘विकल्प’ के महिला दिवस विशेषांक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने सेल्फ डिफेंस के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी छात्राओं को दिए। कार्यक्रम में डीन अकादमिक प्रो. पी. शशिकला, सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर, विभाग अध्यक्ष, संकाय सदस्य, महिला कर्मचारी विशेष रूप से उपस्थित थीं।