परिवार के साथ देखने वाली फिल्म बनाएं: कुलपति प्रो. केजी सुरेश
मेरठ में आयोजित नवांकुर लघु फिल्म महोत्सव को बतौर मुख्य अतिथि किया संबोधित, फरवरी-2022 में भोपाल में आयोजित हो रहा है चित्र भारतीय राष्ट्रीय लघु फिल्म फेस्टिवल
भोपाल/मेरठ, 23 अक्टूबर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने मेरठ में आयोजित नवांकुर लघु फिल्म फेस्टिवल में कहा कि फिल्म निर्माताओं को साहित्य और समाज का अध्ययनकर ऐसी फिल्मों का निर्माण करना चाहिए, जिन्हें परिवार के साथ बैठकर देखा जा सके। फिल्म फेस्टिवल नये फिल्म निर्माताओं के लिए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के बड़े अवसर होते हैं। प्रो. सुरेश ने कहा कि चित्र भारती की ओर से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 18, 19 और 20 फरवरी, 2022 को ‘चित्र भारती राष्ट्रीय लघु फिल्म फेस्टिवल’ का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतिष्ठित आयोजन में अपनी फ़िल्में भेजने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर है। युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में इस आयोजन में सहभागिता करनी चाहिए।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और मेरठ चलचित्र सोसाइटी की ओर से आयोजित नवांकुर फिल्म फेस्टिवल में एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हर निर्माता का उद्देश्य फिल्म को अच्छा बनाना ही होता है। आजकल मोबाइल फ़ोन के माध्यम से भी फिल्म बनाई जा सकती है। लेकिन इसके लिए अध्ययनशीलता बनाए रखें। अगर अध्ययन और रचनात्मकता नहीं है तो फिल्म बनाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि इतिहास को पढ़ना जरूरी है, फिल्मों में इतिहास को तोडमरोडकर पेश किया जाता है।
पत्रकारिता का साहित्य से नाता टूटा:
कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा पत्रकारिता का साहित्य से नाता टूट गया है। पत्रकारिता का स्तर गिरा है, साहित्य के बिना पत्रकारिता अधूरी है। पत्रकारिता को साहित्य से नाता जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के संस्कारों में बदलाव आया है, पत्रकारिता में अब उन्माद, आक्रमकता आ गई है। संयम, संवेदनशीलता एवं सौहार्द की भाषा ही पत्रकारिता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने विश्वगुरु का मार्ग प्रशस्त किया:
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने विश्वगुरु का मार्ग प्रशस्त किया है। हम परीक्षा देने के लिए न पढ़ें बल्कि जीवन के जिए पढ़ें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर समय खराब करने से अच्छा है कि कहानी और जीवनी पढ़ें। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि धमेंद्र भारद्वाज एमआईटी ग्रुप ऑफ़ कॉलेज के चेयरमैन ने कहा कि समाज में सकारात्मक संदेश देने के लिए अच्छे विषयों पर फिल्म बननी चाहिए और इस प्रकार के प्लेटफार्म पर इनको प्रोत्साहन मिलना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा ने की। निर्णायक भूमिका में नीता गुप्ता, सुमंत डोगरा व डा. दिशा दिनेश रही। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार ने सभी का स्वागत किया। मेरठ चलचित्र सोसाईटी के अजय मित्तल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।