बच्चों की इम्युनिटी अच्छी, फिर भी रखें सावधानी : डॉ. सिंघल
कोरोना से बचने ‘एसएमएस’ का कड़ाई से करें पालन : प्रो. केजी सुरेश
एमसीयू में कोविड-19 जागरूकता के अंतर्गत ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन, बच्चों से संबंधित जिज्ञासाओं पर डॉ. सिंघल ने किया समाधान
भोपाल, 18 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की कोविड रिस्पॉन्स टीम की ओर से आयोजित ‘कोविड-19 एवं विद्यार्थी’ विषय पर जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके सिंघल ने कहा कि बच्चों में भी लक्षण बड़ों की तरह ही दिखाई देंगे लेकिन उनकी इम्युनिटी अच्छी होती है। इसलिए बच्चों के संक्रमित होने की आशंका कम रहती है। बाकी हमें बच्चों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सभी प्रकार की सावधानियां रखनी चाहिए। ऑनलाइन व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि इस बीमारी से बचने का अभी तक का सबसे ठोस उपाय एसएमएस है। अर्थात् एस-सेनेटाइजेशन, एम-मास्क, एस-सोशल डिस्टेंसिंग। हम जागरूक रहें, स्वयं को बचाएं और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। यह प्रयास करते रहने होंगे।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सिंघल ने शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ ही फेसबुक लाइव के दौरान आए प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि बच्चों का इम्युनिटी स्तर जितना अच्छा होगा, कोरोना संक्रमण का खतरा उतना ही कम होगा। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को पौष्टिक आहार दें। उन्हें जंक फूड से बचाएं। क्या फल-सब्जियों से कोरोना फैल सकता है? इस प्रश्न के उत्तर में डॉ. सिंघल ने कहा कि फल-सब्जी से कोरोना वायरस फैलता है, ऐसा किसी अध्ययन में सामने नहीं आया है। फिर भी फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि ऐसी स्थिति में जब माता-पिता दोनों कोविड से संक्रमित हो जाते हैं, तब उन्हें घर में भी डबल मास्क लगाकर रहना चाहिए और बच्चों को छूना पड़े तो पहले अच्छे से सेनेटाइज कर लें। एक दूसरे प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि इस समय जब बच्चे घरों में बंद हैं, तब अभिभावकों को उनको समय देना चाहिए। उनके साथ खेलना चाहिए। कुछ सार्थक वीडियो भी उनके साथ देखे जा सकते हैं। डॉ. सिंघल ने कहा कि इस बीमारी में सकारात्मकता की अत्यधिक आवश्यकता रहती है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति को अकेले रहना होता है। तब स्वयं का मनोबल बढ़ाने के लिए व्यक्ति को महापुरुषों की जीवनी पढऩी चाहिए। अनेक बार घबराहट से हमारा सेचुरेशन गिर जाता है। इसलिए मन में उत्साह बनाए रखना बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रयास है कि कोविड-19 को लेकर समाज में तथ्यात्मक एवं सही जानकारी जाए। महामारी को लेकर लोगों के अनेक प्रश्न हैं, विशेषकर तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। इसलिए यह जानना अधिक जरूरी है कि बच्चों को कैसे कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखा जाए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक लालबहादुर ओझा ने किया और आभार प्रदर्शन प्रभारी कुलसचिव प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं नोएडा, खण्डवा और रीवा परिसर के विद्यार्थी जुड़े थे। व्याख्यान का प्रसारण विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर किया गया।