परमाणु ऊर्जा को लेकर जन जागरूकता पैदा करना आज की आवश्यकता: प्रो. केजी सुरेश
भविष्य में परमाणु ऊर्जा ही होगी बिजली का प्रमुख स्त्रोत: श्री श्रीवास्तव
भोपाल, 07 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने आज कहा कि पत्रकारिता से जुड़े छात्रों को समाज के सभी विषयों की जानकारी होना चाहिए। उन्हें यह भी समझना चाहिए कि देश में ऊर्जा के क्या प्रमुख स्त्रोत हैं। समय की आवश्यकता है कि परमाणु ऊर्जा के बारे में समाज में जागरूकता पैदा की जाए। प्रो. सुरेश विश्वविद्यालय द्वारा ‘न्यूक्लियर पावर एन इनएविटेबल ऑप्शन फॉर क्लीन, ग्रीन एंड सेफ इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब भी हम परमाणु ऊर्जा के बारे में सोचते हैं तो हमारी धारणा में बम की छवि आ जाती है। लेकिन परमाणु ऊर्जा के अन्य भी एप्लीकेशंस है जिसमें न्यूक्लियर मेडिसिन भी एक है। न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ मैनेजर (मीडिया एवं संचार) श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने समाज में न्यूक्लियर ऊर्जा को लेकर चल रही अलग-अलग धारणाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहुत उच्च शिक्षित लोगों को भी न्यूक्लियर ऊर्जा के बारे में जानकारी नहीं है। उन्हें यह भी नहीं पता है कि आज देश में न्यूक्लियर एनर्जी से कितनी बिजली पैदा की जा रही हैं। लोगों के मन में डर-सा बना हुआ है। पत्रकार और मीडियाकर्मी इस डर को दूर कर सकते हैं और जनसाधारण को न्यूक्लियर ऊर्जा के उपयोग और उसके लाभ के बारे में अवगत करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत न्यूक्लियर प्लांट से बिजली पैदा करने में बहुत संपन्न हो सकता है, क्योंकि हमारे यहां थोरियम का एक तिहाई भंडार हैं। कोयला और न्यूक्लियर फ्यूल से बिजली बनाने में जमीन आसमान का अंतर है। न्यूक्लियर ऊर्जा प्रदूषण रहित एवं सस्ती हैं और इसे स्टोर करना आसान है। हमारे देश में 23 न्यूक्लियर प्लांट कार्यरत हैं और 7 निर्माणाधीन है। भारत में मात्र 3.3 प्रतिशत बिजली ही न्यूक्लियर पावर प्लांट से पैदा की जा रही है। फ्रांस जैसे तुलना देशों की तुलना में यह बहुत कम है। फ्रांस में 70.6 बिजली न्यूक्लियर प्लांट से पैदा हो रही है। देश में एंटीन्यूक्लियर लॉबी ने ‘फाल्स प्रोपगंडा’ फैलाया है। जिसके कारण लोगों के मन में न्यूक्लियर ऊर्जा को कई तरह की धारणाएं बन गई हैं। उन्हें लगता है कि न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन निकलता है। यह धारणा गलत है। भारत के न्यूक्लियर पावर प्लांट ने पूरे विश्व में सबसे ज्यादा घंटे तक बिजली पैदा करने का रिकॉर्ड बनाया है। कार्यक्रम का संचालन विज्ञापन और जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ पवित्र श्रीवास्तव ने किया। आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ अविनाश बाजपेयी ने माना।