मीडिया सकारात्मक पक्ष को भी रिपोर्ट करें: मुख्यमंत्री श्री चौहान
एमसीयू में ‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा’ पर अंतरराष्ट्रीय वेब कांफ्रेंस का उद्घाटन
कुलपति प्रो. केजी सुरेश डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के लिए किया आह्वान
सीईओ, एमसीएम (प्राइम) यू.एस.ए. डॉ. मिहालिस हल्कडिस ने नवाचार और उद्यमिता पर प्रकाश डाला
भोपाल, 28 दिसंबर, 2020: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडियाकर्मियों से अपील की कि वे समाज का सकारात्मक पक्ष भी रिपोर्ट करें| सकारात्मक खबर भी खबर होती है। सकारात्मक समाचारों से लोगों में सकारात्मक परिवर्तन आता है| समाचार तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। डिजिटल मीडिया ही भविष्य है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा ‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा’ पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेब कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 ने हमें कई नई बातें सिखाई। आपदा के बीच अवसर को तलाशा। उन्होंने कहा कि इस दौरान ऑनलाइन सेक्टर में काफी वृद्धि हुई। सरकार ने ऑनलाइन माध्यमों से न सिर्फ कार्यक्रमों व योजनाओं के बारे में लोगों तक जानकारी उपलब्ध कराई, बल्कि सुविधाओं को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया।
उन्होंने मीडिया विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे टेक्नोलॉजी का उपयोग करें। आने वाला समय मल्टीटास्किंग का होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से निकले छात्र पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलता का नया परचम लहराएंगे। उन्होंने कहा कि हमें जन हित, राष्ट्र हित को ध्यान में रखते हुए काम करने वाले पत्रकारों का निर्माण करना चाहिए, जो मूल्य आधारित पत्रकारिता करें।
उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता सीईओ, एमसीएम (प्राइम) यू.एस.ए. डॉ. मिहालिस हल्कडिस ने विश्व बैंक के डाटा पर आधारित रिपोर्ट पर रिसर्च रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तीसरी और चौथी औद्योगिक क्रांति में वही उद्योग चल पाएंगे जो नवाचारी तरीके इस्तेमाल करेंगे। किसी भी उद्योग के सफलता उसकी वैल्यू-ऐडेड सर्विसेज, फीचर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म से उसके जुड़ाव पर निर्भर करेगी। टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कंप्यूटर और इंटरनेट बिजनेस की सफलता में मुख्य भूमिका निभाएंगे। आज हम द्वितीय औद्योगिक क्रांति से तीसरी और चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीसरी और चौथी चरण की औद्योगिक क्रांति में होरिजेंटल मार्केट होगा और कंपटीशन के साथ इंडस्ट्री को आपस में एक दूसरे का सहयोग करना पड़ेगा। उन्होंने इसे एस-कर्व मॉडल के रूप में समझाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि पहले डिजिटल मीडिया फैशन के रूप में इस्तेमाल होता था लेकिन आज यह जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। आज सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। नोटबंदी के बाद जो डिजिटल पेमेंट को लेकर जो प्रयास शुरू हुआ था, वह आज बिजनेस का प्रमुख हिस्सा है। सोशलाइजेशन ऑनलाइन हो गया है। आने वाले समय में डिजिटल सेक्टर और अधिक तेजी से बढ़ेगा।
प्रो. सुरेश ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कुछ सेक्टरों में अवश्य कमी देखने में आई लेकिन शिक्षा, तकनीक एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे सेक्टरों में बहुत अच्छा काम हुआ। लॉकडाउन के दौरान जब सरकार ने मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाए तो भारतीयों ने तुरंत उनके विकल्प उपलब्ध करा दिए। हम विश्व में सबसे अधिक नवाचारी हैं और लॉकडाउन के दौरान लोगों ने अपने आपको तैयार किया। सिनेमा घरों के बंद होने पर लोगों ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को अपनाया। टेक्नोलॉजी ने बिजनेस को भी कई तरह के नए समाधान उपलब्ध कराएं। डिजिटल गतिविधियों के बढ़ने के साथ-साथ साइबर अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। हमारी आने वाली पीढ़ी इन अपराधों का शिकार न हो इसलिए डिजिटल लिटरेसी को बढ़ावा देना होगा।
उन्होंने कहा कि तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन मीडिया में कंटेंट हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि यदि कंटेंट लोगों के अनुसार नहीं है, समाज और देश के अनुसार नहीं है तो फिर वह अप्रासंगिक हो जाएगा। कार्यशाला कांफ्रेंस के संरक्षक, कुलसचिव और विभागाध्यक्ष डॉ अविनाश बाजपेयी ने स्वागत भाषण दिया। कांफ्रेंस की अध्यक्ष डॉ. कंचन भाटिया ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सह संयोजक मनीषा वर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया और संयोजक डॉ कपिल आर. चंदोरिया ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इसके बाद विभिन्न तकनीकी सत्रों में शोधार्थियों ने शोध पत्र भी प्रस्तुत किए।