बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं : श्रीमती प्रतिभा पांडेय
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन, विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन
भोपाल, 03 नवम्बर, 2020: बेटियों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए आवश्यक है कि हम ‘बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं’। अभिभावकों को अपने बेटों से बात करनी चाहिए कि जब वे घर से बाहर निकलें, तब उनका व्यवहार कैसा होना चाहिए। महिला सहकर्मियों एवं सहपाठी छात्राओं के प्रति उनका दृष्टिकोण वैसा ही होना चाहिए, जैसा अपने परिवार की महिलाओं के प्रति रहता है। यह विचार जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, भोपाल की सदस्य एवं अधिवक्ता श्रीमती प्रतिभा पांडेय ने व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम-2013’ पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
श्रीमती पांडेय ने कहा कि राजस्थान में भंवरी देवी के साथ हुए दर्दनाक अपराध के बाद कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीडऩ को रोकने के प्रति एक विमर्श प्रारंभ हुआ और यह कानून बन सका। श्रीमती पांडेय ने सवाल उठाया कि जो सम्मान और अधिकार महिलाओं को जन्म के साथ ही प्राप्त होने चाहिए, उसके लिए इस तरह के कानून क्यों होने चाहिए? उन्होंने कहा कि केवल कानून बनने से हम महिलाओं को सम्मान नहीं दे सकते। हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा। श्रीमती पांडेय ने अधिनियम की विभिन्न धाराओं की जानकारी मीडिया के विद्यार्थियों को विस्तार से दी। उन्होंने यह भी कहा कि इस अधिनियम की धारा-16 के अनुसार, जब तक महिला उत्पीडऩ संबंधी मामले की सुनवाई चल रही है, तब तक उससे जुड़ी किसी भी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मीडिया में आने वाले विद्यार्थियों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।
महिला विषयक कानूनों के प्रति जागरूकता लाए मीडिया :
कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि महिलाओं से जुड़े कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। महिलाओं के प्रति बड़े अपराध छोटी-छोटी घटनाओं से शुरू होते हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं। यह विषय सिर्फ छात्राओं के लिए नहीं है, बल्कि इसे छात्रों को भी समझना चाहिए। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को महिला विषयक मुद्दों पर एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। मीडिया समाज को नेतृत्व प्रदान करता है इसलिए मीडिया के लोगों को अपने समाज में महिला विषयक कानूनों के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास करने चाहिए। कार्यशाला का संचालन नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग एवं आईसीसी की अध्यक्ष प्रो. पी. शशिकला ने और आभार व्यक्त कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया।
महिला यौन उत्पीडऩ रोकने समिति का गठन :
कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडऩ रोकने के लिए विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन भी किया गया है। समिति की अध्यक्ष प्रो. पी. शशिकला और सदस्य डॉ. उर्वसी परमार, राहुल खडिय़ा, विवेक सावरीकर, श्रीमती तृप्ति वाजपेयी हैं। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, भोपाल की सदस्य एवं अधिवक्ता श्रीमती प्रतिभा पांडेय भी इस समिति की सदस्य हैं।
‘मीडिया: कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान आज :
बुधवार सांय 4 बजे ‘मीडिया: कल, आज और कल’ विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे कुलपति प्रो. केजी सुरेश। विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर लाइव रहेगा कार्यक्रम।
विश्वविद्यालय फेसबुक पेज का लिंक – https://www.facebook.com/mcnujc91