भारत में है आत्मनिर्भर बनने की क्षमता
भ्रष्टाचार का उन्मूलन और ब्यूरोक्रेसी के दखल को रोकना होगा
स्वाबलंबी भारत के लिए शोध और विकास के साथ ही आंतरिक ढांचे को मजबूत करना आवश्यक
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत इंडियन स्कूल ऑफ़ बिजनेस, मोहाली के प्रो. सिद्धार्थ शेखर सिंह ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर रखे विचार
6 जून को वरिष्ठ पत्रकार श्री उमेश उपाध्याय ‘कोविड-19 की चुनौतियां और मीडिया’ विषय पर करेंगे फेसबुक लाइव चर्चा
भोपाल, 5 जून 2020। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत शुक्रवार को इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली के प्रो. सिद्धार्थ शेखर सिंह ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आज शोध एवं विकास के साथ ही आंतरिक ढांचे को मजबूत हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। देश की पिछली सरकारों ने विकास पर तो ध्यान दिया लेकिन आत्मनिर्भरता की सोच को ठीक से लागू करने में असफल रहे। भारत सरकार अपना पूरा ध्यान देश को आत्मनिर्भर बनाने में केन्द्रित कर चुकी है, खासतौर से कोविड-19 के पहले से ही सरकार का इरादा ‘मेक इन इंडिया’ के रूप में दिखाई दे रहा था। कोविड-19 के कारण आत्मनिर्भरता की आवश्यकता और अधिक महसूस की जा रही है, जिससे अब सरकार के प्रयासों में और तेजी आएगी।
प्रो. सिंह ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच स्तंभों को मजबूत करना होगा, ये हैं- अर्थव्यवस्था, मजबूत अधोसंरचना, तकनीक आधारित व्यवस्था, मांग और डेमोग्राफी प्रबंधन। नए आविष्कारों और नवोन्मेष विकास के आत्मनिर्भरता के इंजन को बूस्ट करने के लिए आवश्यक है। देश में उपलब्ध पर्याप्त मानव संसाधन में शिक्षा एवं कौशल उन्नयन किया जाकर आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि देश के पड़ोसी देशों से जिस तरह की वर्तमान चुनौतियां सामने हैं उनको देखते हुए भी भारत को आत्मनिर्भरता होने की आवश्यक है। प्रो. सिंह ने कहा कि हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा घोषित की गई किए गए आर्थिक पैकेज से आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत के आत्मनिर्भरता अभियान को सफल करने के लिए अच्छी नीति बनाने के साथ ही उसका क्रियान्वयन भी आवश्यक है। पहले भी कई अच्छी योजनाएं और अभियान क्रियान्वयन के अभाव में सफल नहीं हो सके। इसके लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ समन्वयक योजनाओं का क्रियान्वयन कराना होगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार का उन्मूलन और ब्यूरोक्रेसी के दखल को रोका जाना चाहिए।
आज ‘कोविड-19 की चुनौतियां और मीडिया’ विषय पर चर्चा :
‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ अंतर्गत आखिरी दिन 6 जून को शाम 4:00 बजे रिलायंस कम्युनिकेशंस के प्रेसिडेंट एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री उमेश उपाध्याय ‘कोविड-19 की चुनौतियां और मीडिया’ विषय पर अपने विचार रखेंगे। उनका व्याख्यान भी विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर लाइव रहेगा।
विश्वविद्यालय फेसबुक पेज का लिंक – https://www.facebook.com/mcnujc91
पर्यावरण दिवस पर किया गया पौधारोपण :
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कुलपति प्रो. संजय द्विवेदी ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी सहित विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों एवं शिक्षकों ने भी पौधारोपण किया।