दूसरे धर्म की आस्था और प्रतीकों का सम्मान ही सच्ची धार्मिकता है- सागर में रतौना आंदोलन पर विशेष व्याख्यान

सोशल मीडिया में आई विसंगतियों और चुनौतियों को भी दूर करने वर्कशॉप आयोजित करेगा विश्वविद्यालय – कुलपति जी

सागर, 01 मार्च 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल ने सागर में रतौना आंदोलन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। यह आयोजन 1920 में सागर के रतौना में अंग्रेजों द्वारा खोले जाने वाले महा कत्लखाने के विरोध में भाई अब्दुल गनी खान के नेतृत्व में हुए बड़े जन आंदोलन को समर्पित है, जिसमें गो हत्या के विरोध में हिन्दू- मुस्लिम एकता ने अंग्रेज़ सरकार को झुका दिया था।

कार्यक्रम में रतौना आंदोलन के नायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अब्दुल गनी भाई के सुपुत्र श्री रफीक गनी ने रतौना आंदोलन और इसमें भाई अब्दुल गनी के संघर्ष की पूरी कहानी बयां की। उन्होंने कहा कि भाई अब्दुल गनी खान इसलिए गोवंश की रक्षा के लिए अपना सर कटाने के लिए तैयार थे क्योंकि वह दूसरे धर्म की आस्था का सम्मान करते थे।

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री चतुर्भुज सिंह राजपूत ने भाई अब्दुल गनी के एक प्रसंग का  जिक्र करते हुए बताया कि भाई अब्दुल गनी के अब्बू ने ही उन्हें प्रेरणा दी थी कि दूसरे धर्म की आस्था और प्रतीकों का सम्मान ही सच्ची धार्मिकता है, इन्हीं आदर्श और संस्कार की वजह से अब्दुल गनी हिन्दुओं की आस्था के मुद्दे पर महा कतलखाने के विरोध के अगुआ बने और सामुदायिक सौहार्द कि मिशाल पेश की।

कार्यक्रम में डॉ सुरेश आचार्य ने भी भाई अब्दुल गनी खान के संघर्ष और उनके जीवन के अनजाने पहलुओं से अवगत कराया।

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए दैनिक भास्कर के सेटेलाइट प्रमुख श्री शिव कुमार विवेक ने कहा कहा कि वर्तमान में सोशल मीडिया ताकतवर जरूर है, लेकिन इसके संपादकीय पक्ष को समाज हित में मजबूत करने की आवश्यकता है, जिससे समाज में जाने वाली सूचनाओं पर विचार और एजेंडे को नियंत्रित किया जा सके।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय दादा माखनलाल जी की आदर्श पत्रकारिता के स्तर और ध्येय को प्राप्त करने के लिए सतत कार्यरत है। विश्वविद्यालय सोशल मीडिया में आई विसंगतियों और चुनौतियों को भी दूर करने के लिए भविष्य में वर्कशॉप जैसे कार्यक्रम आयोजित करेगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा लगाई गई महात्मा गांधी के आदर्श और संघर्षमयी जीवन यात्रा को अभिव्यक्त करने वाले दुर्लभ चित्रों की एक पोस्टर प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही, इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों, युवाओं और गणमान्य नागरिको ने राष्ट्रपिता के अनजाने पहलुओं को जाना।

इसी प्रदर्शनी में  “रंग के साथी” संस्था के संचालक असरार खान के विद्यार्थियों ने इस आयोजन में रतौना आंदोलन से जुड़े चित्र बनाकर प्रदर्शित किए जिन्हें काफी सराहा गया। 

सागर के रविंद्र भवन में संपन्न यह विशेष कार्यक्रम नगर की चार संस्थाओं इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन, श्यामल कला संस्थान एवम्  रंग के साथी के सहयोग से आयोजित हुआ।

कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी श्री शिवशंकर केसरी, इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज से श्री रजनीश जैन, रंग के साथी संस्था के संचालक असरार खान, श्यामल कला संस्थान के संचालक उमाशंकर मिश्र, समेत सभी वक्ताओं का सम्मान विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में सागर नगर के गणमान्य नागरिक पत्रकार बंधु, विद्यार्थी उपस्थित रहे।  विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव दीपेंद्र बघेल, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजेश पाठक एवं सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन विवेक सावरीकर ने किया एवं समापन के उपरांत आभार कुलसचिव दीपेंद्र बघेल ने व्यक्त किया।

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