फैसले जल्दबाजी में नहीं ठंडे दिमाग से लें- इरफान
समाज के बीच जाकर पत्रकारिता करें- कुलपति
एमसीयू में राज्यसभा टीवी के सीनियर प्रोड्यूसर एवं ‘गुफ्तगू’ के प्रस्तुतकर्ता सैय्यद मोहम्मद इरफान का विशेष व्याख्यान
भोपाल, 27 फरवरी, 2020: किसी साक्षात्कार को करने से पहले उस विषय पर शोध करें, और उसके बाद साक्षात्कार करें। इसके साथ ही बोलचाल की भाषा में ही साक्षात्कार करने की कोशिश करना चाहिए। ये विचार राज्यसभा टीवी के सीनियर प्रोड्यूसर एवं ‘गुफ्तगू’ के प्रस्तुतकर्ता श्री सैय्यद मोहम्मद इरफान ने व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में बोल रहे थे। व्याख्यान से पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने शॉल, श्रीफल, सूत की माला एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर श्री इरफान का स्वागत किया। विवि. के सभागार में आयोजित इस व्याख्यान में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
राज्यसभा टीवी के अपने खास कार्यक्रम ‘गुफ्तगू’ में देश की कई प्रसिद्ध हस्तियों का साक्षात्कार ले चुके श्री इरफान ने भाषा को समृद्ध करने की बात कहते हुए शब्द भंडार को बढ़ाए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार के तौर पर भाषा के बुनियादी अनुशासन के प्रति आपको सजग होना चाहिए। उन्होंने कहा एक पत्रकार को जानकारी के साथ ही, उस विषय एवं काम में रुचि भी होनी चाहिए। दर्शकों के ज्ञान एवं समझ पर उन्होंने कहा कि एक पत्रकार एवं एंकर को कभी भी दर्शक को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए, यदि आपने ऐसा किया तो वहीं से आपमें गिरावट आना शुरु हो जाएगी। टीवी पर एंकर दिखने एवं चमकने की होड़ पर उन्होंने कहा कि एंकर को खुद को ज्यादा दिखाने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए, इसकी जगह उसे अपने अतिथि पर ज्यादा फोकस रखना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप पत्रकारिता के विद्यार्थी हैं और एक ऐसे कैरियर को अपनाने जा रहे हैं, जिससे सभी प्रभावित होते हैं, इसलिए आपकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
श्री इरफान ने जीवन मूल्यों पर जोर देते हुए समय के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने मान्यताओं पर भी बात की, वहीं उन्होंने समावेशी चिंतन पर भी अपने विचार व्यक्त किए। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी फैसले जल्दबाजी में मत लीजिए। दिमाग को ठंडा रखिए और पहले थोड़ा सोचिए। उन्होंने विद्यार्थियों को गुरु मंत्र के तीन शब्द बताए। ध्यान से सुनिए, ध्यान से सुनिए, ध्यान से सुनिए।
विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता आप उनके लिए करते हैं, जिनकी बात उन तक नहीं पहुंच पाती, जिन तक पहुंचना चाहिए। श्री तिवारी ने कहा कि इसलिए एक पत्रकार के तौर आपको उनके बारे में जानना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि पत्रकार के तौर पर आप जो बोलते हैं, उसका बहुत असर होता है। पत्रकारिता के छात्रों से उन्होंने समाज के बीच में जाकर पत्रकारिता करने की बात कही। श्री तिवारी ने वसुधैव कुटुम्बकम एवं भारतीय दर्शन पर भी अपने विचार रखे।