29-30 को होगा वसंत साहित्य उत्सव में लेखकों का समागम
एमसीयू में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल
भोपाल, 27 जनवरी, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व विद्यार्थियों एवं प्रतिष्ठित लेखकों की कृतियों पर केंद्रित ‘वसंत साहित्य उत्सव’ (एमसीयू लिटरेचर फेस्टिवल) का 29 जनवरी को शुभारंभ होगा। दो दिवसीय इस साहित्य समागम में देश के वरिष्ठ पत्रकार, प्रसिद्ध साहित्कार एवं विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी भाग लेंगे। कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर केंद्रित 34 पुस्तकों, कविता संग्रह, उपन्यास आदि पर चार समानान्तर सत्रों में चर्चा होगी।
विद्यार्थियों के सृजनात्मक उपलब्धियों से जुड़े इस कार्यक्रम का उद्घाटन 29 जनवरी को सुबह 10:30 बजे विश्वविद्यालय के राधेश्याम शर्मा विमर्श सदन में होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लेखक एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री मधुकर उपाध्याय होंगे। विशिष्ट अतिथि राज्य सूचना आयुक्त श्री विजय मनोहर तिवारी एवं इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ संपादक श्री श्यामलाल यादव होंगे। उद्घघाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी करेंगे।
वसंत साहित्य उत्सव में पहले दिन अलग-अलग सत्र आयोजित होंगे। दूसरे दिन समापन सत्र के अतिरिक्त तीन अलग-अलग सत्रों में पुस्तकों पर चर्चा होगी। 30 जनवरी को दोपहर दो बजे समापन सत्र आयोजित किया जाएगा। द वायर के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार श्री सिद्धार्थ वरदराजन सत्र के मुख्य अतिथि होंगे। जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला विशिष्ट अतिथि होंगे। विश्वविद्यालय अपने 30वें वर्ष को उत्कृष्टता वर्ष के रुप में मना रहा है, इसी क्रम में यह साहित्य उत्सव हो रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व विद्यार्थियों की रचनात्मक उपलब्धियों को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार यह एकाग्र आयोजन किया जा रहा है।
इनकी पुस्तकों पर होगी चर्चा : रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित श्यामलाल यादव की पत्रकारिता पर आधारित ‘जर्नलिस्ट थ्रू आरटीआई’, सुश्री प्रियंका दुबे की पत्रकारिता पर ‘नो नेशन फॉर वुमेन’, श्री मनोज द्विवेदी की जनसंपर्क विषय पर ‘जनसंपर्क :बदलते आयाम’, डॉ. संजीव गुप्ता की पर्यटन विषय पर पुस्तक ‘पर्यटन लेखन’, श्री सचिन कुमार जैन की संविधान पर ‘भारतीय संविधान की विकास गाथा’, श्री हेमेन्द्र शर्मा के उपन्यास ‘सेहला मसूद : द मर्डर देट शॉक द नेशन’, वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश सिरोठिया की पत्रकारिता पर केंद्रित ‘खबर नवीसी आपबीती आंखों-देखी’, श्री विजय मनोहर तिवारी के साहित्यिक उपन्यास ‘भारत की खोज में मेरे पांच साल’, डॉ.दीपक राय की ‘सोशल मीडिया, राजनीति और समाज’, श्री अनुज खरे के व्यंग्य संग्रह ‘बातें बेमतलब’, श्री पीयूष बबेले के साहित्यिक उपन्यास ‘नेहरु : मिथक और सत्य’, श्री दयाशंकर मिश्र की ‘जीवन संवाद: डिप्रेशन और आत्महत्या के विरुद्ध’, श्री ब्रजेश राजपूत की राजनीतिक गतिविधियों पर केंद्रित पुस्तक ‘चुनाव है बदलाव का’, श्री अखिलेश्वर पाण्डेय के काव्य संग्रह ‘पानी उदास है’, श्री कृष्णकांत शुक्ल की पुस्तक ‘वचनबद्ध मध्यप्रदेश’, श्री हिमांशु द्विवेदी के आलेख संग्रह ‘अलाव’, श्री अनुराग ढेंगुला के यात्रा वृतांत ‘सागर से झील तक’, श्री विनय त्रिपाठी के काव्य संग्रह ‘आ जाएगा कोई साथ’, श्री पुष्यमित्र के उपन्यास ‘जब नील का दाग मिटा:चम्पारण 1917’, श्री सतीश एलिया के व्यंग्य ‘अन्नं ब्रम्हं’, श्री आशुतोष नाडकर के साहित्यिक उपन्यास ‘शकुनि: पासों का महारथी’, श्री बरुण सखाजी श्रीवास्तव की ‘परलोक में सैटेलाइट’, श्री सुदर्शन व्यास के काव्य संग्रह ‘रिश्तों की बूंदें’, सुश्री श्रुति कुशवाहा के काव्य संग्रह ‘कशमकश’, श्री विवेक मृदुल के काव्य संग्रह ‘सृजन पथ’, श्री दीपक पगारे के काव्य संग्रह ‘लौटेगी नदी एक दिन’, श्री आदित्य श्रीवास्तव के काव्य संग्रह ‘तुम ही मैं हूं’, अंकुर जैन के प्रेरक साहित्य ‘ये हौंसला कैसे झुके’, डॉ. विष्णु राजगढ़िया की ‘सूचना का अधिकार : व्यावहारिक मार्गदर्शिका’, श्री अभिषेक खरे की ‘कैरियर समाधान’, श्री देवेश पाण्डे की ‘आज के दौर की मीडिया’,सुश्री प्रीति शर्मा जैन की पुस्तक ‘सशक्त अभिभावक, सफल बच्चे’, श्री सोमिल जैन के उपन्यास ‘उड़ान एक परिंदे की’, श्री कुंवर इंद्रजीत सिंह के उपन्यास ‘ड्रीम गर्ल’ पर समान्तर सत्रों में चर्चा होगी।