डिजीटल कम्युनिकेशन विषय पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस
नीदरलैंड की पत्रकार टैंजा वैन बर्गेन ने फेक न्यूज को बताया बड़ी चुनौती
विभिन्न राज्यों से आए 75 से अधिक शोधार्थियों की शोधपत्र प्रस्तुति
भोपाल, 10 नवम्बर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में शनिवार से “डिजीटल कम्युनिकेशन: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स” विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई। पहले दिन शनिवार को उद्घाटन सत्र में की-नोट स्पीकर के रूप में एम्सटर्डम (नीदरलैंड) से आयी जानी मानी पत्रकार टेंजा वैन बर्गेन ने संबोधित किया। बर्गेन ने कहा कि पत्रकारिता बिजनेस नहीं एक प्रोफेशन है, जिसे ईमानदारी से करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि डिजीटल कम्युनिकेशन की वजह से पत्रकारिता और पत्रकारिता शिक्षा तेजी से बदल रही है, बर्गेन ने समाचार चैनलों के कंटेंट एवं खोजी पत्रकारिता की सार्थकता पर भी विस्तार से अपने विचार रखे। अपने विशेष उद्बोधन के बाद सुश्री बर्गेन ने मीडिया शिक्षकों और विद्यार्थियों से भी संवाद किया।
IMPRESS-ICSSR के सहयोग से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने डिजीटल कम्युनिकेशन के माध्यम से फैलाए जा रही फेक न्यूज को समाज के लिए घातक बताते हुए कहा कि इसकी समीक्षा आवश्यक है। इस दौरान की प्रीसीडिंग का भी विमोचन किया गया जिसमें देश भर से आए 100 शोधपत्रों के एब्सट्रेक्ट का प्रकाशन किया गया है।
कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन एलएनसीटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. थापा, सोशल मीडिया एक्सपर्ट डॉ. हेमा, वरिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार श्री अनुज खरे, श्री दयाशंकर मिश्रा, श्री आशीष वर्मा ने भी विशेष सत्रों में डिजीटल मीडिया के समसामयिक और ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार रखे।
सोमवार तक चलने वाले इस तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पहले दो दिनों में अभी तक 7 डिजीटल कम्युनिकेशन विषय पर विभिन्न शीर्षकों पर 40 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जा चुके हैं। विभिन्न तकनीकी सत्रों में की-नोट स्पीकर के रूप में डॉ. श्रीकांत सिंह, प्रो. सी.पी. अग्रवाल, प्रो. मुकेश कुमार, प्रो. दिलीप मंडल, प्रो. शशिकला, डॉ. संजीव गुप्ता, डॉ. राखी तिवारी ने विचार रखे।
अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह, कार्यक्रम संयोजक डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, सह-संयोजक डॉ. अविनाश वाजपेयी, कुलसचिव श्री दीपेंद्र बघेल समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।