मुख्य धारा से वंचित लोग जुड़ रहे है मीडिया से : श्री शास्त्री
इंडियन रीडरशिप सर्वे 2019 पर एमसीयू में कार्यशाला आयोजित
भोपाल, 30 अप्रैल, 2019: वरिष्ठ पत्रकार श्री ललित शास्त्री ने कहा कि विकसित राष्ट्रों में प्रिन्ट मीडिया सिकुड़ गया है लेकिन भारत में अलग दौर चल रहा है। लोग स्मार्ट फोन लेकर चल रहे है और उससे खबरें प्राप्त कर रहे है उसके बावजूद समाचार पत्रों का ग्राफ ऊपर उठ रहा है। मुख्य धारा से वंचित लोग मीडिया से भी जुड़ रहे है।
श्री शास्त्री माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आज इंडियन रीडरशिप सर्वे-2019 को लेकर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञ के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस सर्वे के आंकड़े बहुत कुछ इंगित करते है। प्रिंट मीडिया की वृद्धि को भी जानना जरुरी है। यह आंकड़े प्रिंट मीडिया का ट्रेंड बताते है।
कार्यशाला में कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि इंडियन रीडरशिप सर्वे के माध्यम से मीडिया संस्थानों को उनके पाठक वर्ग के बारे में जानकारी मिलती है। सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट से यह पता लगता है कि किस तरह के पाठक वर्ग में कौन सा समाचार पत्र और पत्रिका पढ़ी जा रही है।
कार्यशाला में मीडिया प्रबंधन विभाग की सहायक प्राध्यापक सुश्री मनीषा वर्मा ने आईआरएस के प्रबंधकीय पक्ष को बताया, उन्होंने बताया कि काउंसिल ने 3.24 लाख उत्तरदाताओं के बीच सर्वे कर मीडिया और उपभोक्ताओं के व्यवहार को लेकर जानकारी जुटाई है। सर्वे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पाठक संख्या बढ़ रही है और प्रिंट मीडिया आज भी एक मजबूत माध्यम है। पत्रकारिता विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री लोकेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि भारत में प्रिंट मीडिया की वृद्धि उन विदेशी विशेषज्ञों के दावे के बिलकुल उलट है जिसमें उन्होंने कहा है कि 2040 तक प्रिंट मीडिया समाप्त हो जायेगा। आईआरएस सर्वे के अनुसार हिन्दी की पाठक संख्या में एक करोड़ का इजाफा हुआ है और पत्रिकाओं ने 90 लाख नये पाठक जोड़े है। जनसंचार विभाग के अध्यापक श्री साकेत दुबे ने कहा कि आईआरएस के आंकड़े वैकल्पिक मीडिया के बारे में कुछ नहीं बताते है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सर्वे से प्रिंट मीडिया के बारे में संख्यात्मक जानकारी ही मिलती है गुणात्मक नहीं। मीडिया प्रबंधन विभाग के प्राध्यापक डॉ. अविनाश वाजपेयी ने कार्यशाला का संचालन किया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के विद्यार्थी और शिक्षकगण उपस्थित थे।