फेक न्यूज़ खतरनाक है, इससे बचें – श्री जयवर्द्धन सिंह
एमसीयू में ‘विश्वविद्यालयों में अकादमिक गुणवत्ता’ विषय पर विद्यार्थियों को सुनाये अपने अनुभव
भोपाल, 8 मार्च, 2019: नगरीय प्रशासन और आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि लोगों तक सही जानकारी पहुंचे यह बहुत महत्वपूर्ण है। फेक न्यू़ज़ सबसे ज्यादा खतरनाक है। फेक न्यूज़ के माध्यम से झूठ बोलना और किसी का चरित्र खराब करना बहुत आसान है, हमें इससे बचना चाहिए। खबर सकारात्मक और रिपोर्टिंग सही होना चाहिए।
श्री सिंह आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘विश्वविद्यालयों में अकादमिक गुणवत्ता’ (कोलंबिया विश्वविद्यालय, यू.एस.ए. के अनुभव) विषय पर आयोजित व्याख्यान में विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शोध पत्र अवश्य तैयार करना चाहिए और प्रकाशित करवाने चाहिए। यह विश्वविद्यालय की शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे शोध के लिए अपना विषय स्वयं चुन सकते हैं, यह उन्हें, उनके क्षेत्र में स्थापित होने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऑॅनलाइन मीडिया ही होगा। कई टेलीविजन चैनल्स ने ऑनलाइन मीडिया को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बनाई है। आज हम देखते हैं कि कंटेंट हमें ऑनलाइन पहले ही प्राप्त हो जाता है। नवाचार और तकनीक में हो रहे परिवर्तनों के कारण यह संभव हो रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को इंटर्नशिप अवश्य करना चाहिए ताकि वे जमीनी स्तर पर कार्य करने के लिए तैयार हो सकें और फील्ड का अनुभव ले सकें। हर विद्यार्थी को आने वाले 10-12 साल में क्या करना है, इसका रोडमेप तैयार करना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि वे भविष्य में किस पद पर होंगे। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अपना स्पेसिफिक टारगेट भी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों की तुलना में अमेरिका के विश्वविद्यालयों में शोध और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ विद्यार्थियों की चर्चा ज्यादा होती है।
पत्रकारिता को लेकर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ रिपोर्टिंग नहीं है, इसमें विश्लेषण भी महत्वपूर्ण है। किसी के दिये गये बयान का क्या असर होगा या किसी योजना से क्या आर्थिक लाभ प्राप्त होगा, इसका विश्लेषण भी पत्रकार ही करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे मध्यप्रदेश में ही सीमित न रहें, देश के अन्य स्थानों पर भी जाकर कार्य करें। जिन विद्यार्थियों की रुचि है वे ‘कॉनफ्लेक्टिंग एरिया’ में जाकर भी काम करें।
विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के आई.आई.टी. और आई.आई.एम. इंडिया में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अव्वल हैं। इन संस्थानों में प्रवेश के लिए जैसी प्रतिस्पर्द्धा होती है वैसी हावर्ड और कोलंबिया विश्वविद्यालयों में भी नहीं होती है। यहां लाखों विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं। लेकिन आई.आई.टी. और आई.आई.एम. को उतना फंड नहीं मिलता, जितना अमेरिका के विश्वविद्यालयों को प्राप्त होता है। अमेरिका में पासआउट विद्यार्थी भी विश्वविद्यालयों को फंड देते हैं। जितने अधिक वित्तीय स्त्रोत बढ़ेंगे उतनी ही ज्यादा विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता बढ़ेगी। कोलंबिया विश्वविद्यालय का पत्रकारिता स्कूल विश्वभर में ख्याति प्राप्त है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी यूनियन होना चाहिए और यूनियन को प्रोएक्टिव होकर भी काम करना चाहिए, जैसे विद्यार्थी सामाजिक मुद्दों पर चर्चा आयोजित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं कोलंबिया विश्वविद्यालय में साउथ एशियन स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे और साउथ एशिया पर जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों को उनका एसोसिएशन विद्यार्थियों से चर्चा के लिए आमंत्रित करता था। छात्र संघ सेमिनार आयोजित करवा सकते हैं और अकादमिक चीजों को भी बढ़ावा दे सकते हैं। यह एक नई पहल होगी। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के पूर्व स्वयं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाइए, क्योंकि राजनीति में मांग बहुत अधिक होती है। चुनावी राजनीति के अलावा संगठन में काम करके भी हम राजनीति में अपना योगदान दे सकते हैं। राजनीति समुद्र की तरह है जिसमें एक साथ बहुत सारी चीजें चलती हैं। कार्यक्रम में प्रस्तावना रखते हुए कुलपति, श्री दीपक तिवारी ने कहा कि श्री सिंह दूरदर्शी है और प्रयोगधर्मी रहे हैं। उन्होंने राघौगढ़ में ‘बेगलेस स्कूल’ की स्थापना की है जहां आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को भी शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने योजना आयोग में इंटर्नशिप की है और कई विषयों पर उनका अनुभव रहा है। उन्होंने ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार प्राप्त जोसेफ स्टिग्लिस के साथ भी कार्य किया है।
कार्यक्रम का संचालन विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की छात्रा जैनिफर सिद्दीकी ने किया और आभार प्रदर्शन रश्मि प्रिया द्वारा किया गया।
बी.आर.टी.एस. पर सर्वे करे विश्वविद्यालय: चर्चा के दौरान नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने विश्वविद्यालय को प्रस्ताव दिया कि वे भोपाल में बी.आर.टी.एस. को लेकर सर्वे करें और बतायें कि बी.आर.टी.एस. को निरंतर रखना चाहिए या हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंदौर में बी.आर.टी.एस. का संचालन ठीक हो रहा है। चालीस से पचास हजार यात्री प्रतिदिन इसका उपयोग करते हैं लेकिन भोपाल में होशंगाबाद रोड, बैरागढ़ में बी.आर.टी.एस. के कारण काफी समस्या आती है। इस पर कुलपति श्री दीपक तिवारी ने उन्हें आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय ये सर्वे करेगा।