फेक-जर्नल्स के जाल से बचें शोधार्थी – कुलपति प्रो. सुरेश
अकादमिक भ्रष्टाचार की तरह है फेक-जर्नल्स – डॉ. सुमीत नरुला
एमसीयू में ‘फेक, क्लोन्ड, प्रेडिटरी जर्नल्स इन एकेडमिक्स’ विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला
भोपाल, 20 जनवरी, 2021: फेक-जर्नल्स का जाल आज देश-दुनिया में जिस तरह से फैल रहा है, उसमें मेहनत करने वाले शोधार्थी भी फंस जाते हैं। इसलिए यह कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। इस तरह की कार्यशालाओं से शोधार्थियों में जागरूकता आएगी और वे इन फेक-जर्नल्स के जाल से खुद को बचा पाएंगे। यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा ‘फेक, क्लोन्ड, प्रेडिटरी जर्नल्स इन एकेडमिक्स’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला में कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने व्यक्त किए। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में संचार विशेषज्ञ डॉ. सुमीत नरुला ने कहा कि आजकल फेक-जर्नल्स अकादमिक भ्रष्टाचार की तरह हो गया है। इस अवसर पर निदेशक प्रकाशन एवं कार्यक्रम संयोजक प्रो. कंचन भाटिया, प्रभारी प्रकाशन एवं सह-संयोजक डॉ. राकेश कुमार पांडे, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय के पंचम तल स्थित सभागार में कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय का काम सिर्फ का शिक्षा देना ही नहीं है बल्कि उत्कृष्ट शोध और प्रकाशन करना भी है। इसी उद्देश्य को लेकर विश्वविद्यालय एक मिशन – एक विजन के तहत 365 दिन लगातार कार्य कर रहा है। प्रो. सुरेश ने कहा वे चाहते हैं कि विश्वविद्यालय संचार का थिंक टैंक बने, जिसकी ख्याति देश नहीं विश्व स्तर पर हो। ऐसा करने के लिए हमारी अकादमिक टीम लगातार लगी हुई है।
संचार विशेषज्ञ डॉ. सुमीत नरुला ने कहा कि आज के समय में फैक्ट चैक करने के लिए विभिन्न मंच उपलब्ध हैं। उन्होंने यूजीसी केयर का उदाहरण देते हुए कहा कि इस मंच से ये पता किया जा सकता है कि कौन -से जर्नल फेक और कौन से अधिकृत हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.अविनाश वाजपेयी ने कहा कि कट, कापी और पेस्ट के वर्तमान परिदृश्य में यह कार्यशाला आवश्यक है, साथ ही सम-सामयिक भी है। उन्होंने कहा कि फेक-जर्नल्स में शोध- शोध-पत्र देने और लेने वाले दोनों ही दोषी होते हैं। आभार प्रदर्शन प्रभारी प्रकाशन एवं सह-संयोजक डॉ.राकेश कुमार पांडे ने व्यक्त किया।